प्रेम विस्तार है और स्वार्थ सकुंचन
अभी हाल ही में heartfulness.org द्वारा एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, कुछ तकनिकी बाधाओं के कारण मैं अपना निबंध जमा नहीं कर पाया तो सोचा कि क्यों न अपने ब्लॉग से ही पोस्ट कर दूँ | निबंध के विषय को पढ़ते ही मुझे कबीर का एक दोहा याद आता है, पोथी पढ़ि पढ़ि जग […]
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